मुंबई में मनोज जरांगे का आमरण अनशन, पैदल कूच, बढ़ी शिंदे सरकार की मुश्किल

मुंबई में मनोज जरांगे का आमरण अनशन, पैदल कूच, बढ़ी शिंदे सरकार की मुश्किल

Edited by शशि मिश्रा | नवभारत टाइम्स | Updated: 24 Dec 2023, 11:39 pm

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा पिछले कई साल से महाराष्ट्र की राजनीति को झकझोर रहा है। लेकिन इसका तोड़ अब तक मराठा क्षत्रप शरद पवार से लेकर देवेंद्र फडणवीस और अब एकनाथ शिंदे सरकार तक नहीं निकल पाई हैं। सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर में मराठा आरक्षण पर सबसे बड़ी सियासी दुविधा क्या है? 22 जनवरी को मनोज जरांगे ने पैदल कूच का ऐलान किया है। इसी दिन अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन है।

CM eknath shinde on jarange
एकनाथ शिंदे और मनोज जरांगे
मुंबई : सरकार द्वारा मराठा आरक्षण को लिए आंदोलनकारी मनोज जरांगे को दी गई 24 दिसंबर की डेडलाइन रविवार को बीत गई, लेकिन सरकार मराठा आरक्षण के मामले में कोई ठोस ऐलान नहीं कर पाई। इस बीच मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटील ने 20 जनवरी से मुंबई में आमरण अनशन की घोषणा करके सरकार की तकलीफ बढ़ा दी है। जरांगे पाटील ने मुंबई के आजाद मैदान में आमरण उपोषण करने की बात कही है, लेकिन 21 जनवरी को मुंबई मैराथन होना है। मैराथन भी आजाद मैदान से ही शुरू होती है और इसके लिए एक दिन पहले से तैयारी करनी होती है। ऐसे में अगर आजाद मैदान में मनोज जरांगे पाटील का आमरण अनशन आजाद मैदान में शुरू होता है, तो मुंबई मैराथन में परेशानी खड़ी हो जाएगी। क्योंकि मनोज जरांगे के साथ बड़ी संख्या में मराठा आंदोलनकारी भी जमा होंगे।

वहीं, दूसरे दिन 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव है। उसमें शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री समेत सरकार के तमाम मंत्री अयोध्या जाने वाले हैं। ऐसे में, अगर मुंबई में कोई गड़बड़ी हो गई, तो सरकार के लिए उसे संभालना मुश्किल हो जाएगा।

जरांगे का पैदल कूच

सरकार के लिए परेशानी का सबब ये भी है कि मनोज जरांगे पाटील ने मुंबई के लिए पैदल ही कूच करने का ऐलान किया है। ऐसे में, रास्ते में सड़क पर मराठा आंदोलनकारियों के बड़े हुजूम की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

महाराष्ट्र सरकार के लिए मुश्किल

सरकार के सामने मुश्किल यह है कि वह अप्रिय स्थिति होने पर भी मराठा आंदोलनकारियों पर बल प्रयोग से बचना चाहेगी, क्योंकि जलना में मराठा आंदोलनकारियों पर पुलिस लाठीचार्ज के बाद ही राज्य में मराठा आंदोलन ने जोर पकड़ा है और मनोज जरांगे पाटील आंदोलन का नया चेहरा बनकर उभरे हैं। जिनके साथ इस समय पूरा मराठा समाज एकजुट दिखाई दे रहा है।

शिवाजी पार्क भी एक विकल्प

मुंबई मैराथन की वजह से 21 जनवरी को दक्षिण मुंबई में होने वाली गतिविधियों के मद्देनजर मराठा आंदोलन के लिए दादर का शिवाजी पार्क एक विकल्प हो सकता है। मराठा युवाओं के एक दल ने आंदोलन के लिए शिवाजी पार्क को लेकर रविवार को स्थानीय पुलिस के साथ चर्चा की है। मराठा क्रांति मोर्चा के संयोजक वीरेंद्र पवार ने बताया कि मनोज जरांगे पाटील 20 जनवरी को मुंबई आकर आमरण अनशन पर बैठने वाले हैं। उन्होंने अपने भाषण में दादर शिवाजी पार्क और आजाद मैदान दोनों का जिक्र किया है।

दादर का शिवाजी पार्क मैदान एक ऐतिहासिक मैदान है। इस मैदान पर कई दिग्गजों की सभा हो चुकी है। इसलिए, इस मैदान में 20 जनवरी को भूख हड़ताल करने के लिए मराठा समुदाय की एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। हमने शिवाजी पार्क हासिल करने को लेकर पुलिस से शुरुआती बातचीत की है, लेकिन मुंबई महानगरपालिका से अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है।

शशि मिश्रा के बारे में

शशि मिश्रा

शशि मिश्रा प्रिंसिपल ड‍िज‍िटल कंटेंट प्रोड्यूसर

“शशि पांडेय ने 2007 में पत्रकारिता की शुरुआत अमर उजाला से की। फिर दैनिक जागरण कानपुर से घिसाई। सहारा में पॉलिशिंग और नवभारत टाइम्स में मिली ऐसी चमक जो अभी तक बरकरार है। शौक़: लिखना, घूमना और नये लोगों से नई- नई जानकारियां लेना. फ़ंडा: जीवन में हर किसी के पास दो रास्ते होते हैं, भाग लो (Run) या भाग लो (Part). मेरी लाइफ का फ़ंडा, भागने की जगह भाग लेना है.”Read More

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