यूपी में ओवैसी की राजनीति क्या है? पल्लवी के सहारे AIMIM की होगी नैया पार

यूपी में ओवैसी की राजनीति क्या है? पल्लवी के सहारे AIMIM की होगी नैया पार

अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के एजेंडे में भी यूपी शामिल हो गया है। यूपी में ओवैसी धीरे-धीरे अपनी जमीन चुनाव दर चुनाव तैयार कर रहे हैं। हालांकि, पिछले चुनाव में ओवैसी की पार्टी कोई बड़ा कमाल नहीं कर पाई थी। यहीं नहीं, सपा समेत कई दलों ने AIMIM को बीजेपी की B टीम का टैग भी दिया है। इसी सबके बीच हैदराबादी भाईजान एवं सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पल्लवी पटेल की अपना दल कमेरावादी समेत अन्य दलों के साथ गठबंधन का ऐलान करके यूपी में एंट्री कर दी है, लेकिन अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या पल्लवी के सहारे AIMIM की नैय्या पार हो जाएगी।

ओवैसी-पल्लवी पटेल ने यूपी में पेश किया नया विकल्प

दरअसल, रविवार का दिन सियासी संडे रहा है। अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ने AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी से मुलाकात करके यूपी में राजनीति का नया विकल्प पेश कर दिया है। अपना दल कमेरावादी, एमिम, राष्ट्र उदय पार्टी और प्रगतिशील मानव समाज पार्टी ने मिलकर गठबंधन कर लिया है। इसको लेकर हुई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव के PDA के जवाब में PDM (पिछड़ा, दलित, मुसलमान) का नया नारा दिया है। इस दौरान पल्लवी पटेल ने कहा कि पीडीएम यानी पिछड़ा दलित मुसलमान की राजनीतिक भागीदारी के साथ ही सामाजिक-आर्थिक न्याय हमारा मिशन है। वहीं, ओवैसी ने मुसलमानों को साधते हुए लेकर कहा कि अब वोट देने वाला नहीं, बल्कि वोट लेने वाला बनना है। मुसलमान अब नेतृत्व करेंगे।

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यूपी में पीडीए को हो सकता है नुकसान

नए गठबंधन और उनके सहयोगी दलों के मंसूबे क्या हैं, ये खुलकर प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए सामने आ चुके हैं। माना जा रहा है कि इस नए गठबंधन से इंडिया गठबंधन को खासा नुकसान होगा, क्योंकि एकजुट हुए सभी दल जिस पिछड़ा दलित और मुसलमान की बात कर रहे हैं, उसी बात पर सपा मुखिया अखिलेश यादव काफी लंबे समय से काम कर रहे हैं। पल्लवी पटेल भी उसी PDA की बात कर रही है। हालांकि, सीट बंटवारे में हिस्सेदारी नहीं मिलने से सपा विधायक पल्लवी पटेल की पार्टी अपना दल कमेरावादी ने अखिलेश यादव से अपनी राहें अलग कर ली। इस पर सपा मुखिया भी खुलकर बोल चुके हैं कि 2022 में साथ थे और 2024 में साथ नहीं हैं।

क्या कहते हैं राजनीति के जानकार

पिछड़ा, दलित और मुसलमान की बात करने वाला पल्लवी और ओवैसी के गठबंधन को लेकर वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद गोस्वामी ने कहा कि ओवैसी पर पहले से आरोप लगते आए हैं कि वह बैक डोर से बीजेपी के रहते हैं। खासकर मुस्लिम वोटों में बंटवारा करने के लिए, जिससे भाजपा को फायदा मिलता है। फिर भी ओवैसी यूपी में गठबंधन करके क्या कर लेंगे, क्योंकि ओवैसी का यूपी में कोई संगठन नहीं है, लेकिन इतना जरूर है कि यह गठबंधन चाहे एक वोट काटे या 50 हजार इसका सीधा नुकसान इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार का ही होगा। पल्लवी पटेल का भी यही हाल है। पल्लवी को भी मुस्लिम वोट नहीं मिलना है। ओवैसी के सहारे पल्लवी चाहती हैं कि मुस्लिम वोट मिल जाए तो पटेल और मुस्लिम मिलकर शायद एक दो सीटों पर फाइट में आ जाए। जीत भले न सकें, लेकिन दूसरे या तीसरे नंबर पर ही आ जाएं।

पहले ओवैसी ने मना किया, अब यूपी में लड़ने जा रहे चुनाव

इसके साथ ही वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि इन दोनों ही दलों के पास कोई विकल्प नहीं बचा था। इंडिया गठबंधन वाले ओवैसी को लेना नहीं चाहते हैं और अनुप्रिया पटेल अपनी बहन पल्लवी पटेल को बीजेपी का हिस्सा होने नहीं देती, इसलिए कोई विकल्प न होने के चलते दोनों दलों ने मिलकर गठबंधन किया है। उन्होंने कहा कि अनुप्रिया पटेल की पार्टी जिन दो सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है, उन सीटों पर पल्लवी पटेल का गठबंधन उम्मीदवार उतारेगा या नहीं, ये देखने वाली बात होगी। अगर गठबंधन कैंडिडेट से उतरता है तो कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है, क्योंकि मिर्जापुर सीट पर पटेल की संख्या ठीक-ठाक स्थिति में है। अगर ओवैसी-पल्लवी का नया गठबंधन अनुप्रिया पटेल और बीजेपी के खिलाफ दमदारी से लड़ता है, तब तो यह संदेश जाएगा कि ये गठबंधन बीजेपी की B टीम का हिस्सा नहीं है। वरना आरोप लगना तय है। बीजेपी इंडिया गठबंधन को तोड़कर नुकसान पहुंचाना चाहती है। ये उसकी रणनीति का हिस्सा है। इसके साथी उन्होंने यह भी कहा कि जब ओवैसी ने यूपी में चुनाव लड़ने से मना कर दिया था तो अब गठबंधन करके चुनाव क्यों लड़ रहे हैं इसके पीछे क्या वजह है।

विवेक मिश्रा

विवेक मिश्रा के बारे में

विवेक मिश्रा

जन्मस्थली बाराबंकी है और कर्मस्थली तीन राज्य के कई शहर रहे हैं। 2013 में प्रिंट मीडिया से करियर की शुरुआत की। मप्र जनसंदेश, पत्रिका, हिंदुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण होते हुए नवभारत टाइम्स के साथ डिजिटल मीडिया में कदम रखा।… Read More

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